Horror story in hindi | झूठा आईना | Hindi Horror Story

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Horror story in hindi :   

                   झूठा आईना


Horror story in hindi

                       

Horror story in hindi:-
आज बहुत ज्यादा काम है में आपको अपना परिचय देती हु ,
बस 30 सेकंड्स रुकिए। 

मां वो वाला भी और वो भी और यह भी चाहिए

मां: देती हु ,देती हु जॉब किया लग गई है पागल हो गई है

तो में हु शिवानी और बहुत मीठी सी कहानी है मेरी में अपने परिवार के साथ बहुत खुश हूं अपने घर की राजकुमारी हू में अभी, अभी मैंने एक जॉब इंटरव्यू दिया था और मुझे जॉब मिल गई मगर अब जॉब के लिए जाना है बैंगलोर तो थोड़ा परेशान हु क्यूंकि रात को पैकिंग नही की थी 

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अब में अपने परिवार को आखरी प्यार सा अलविदा कहती हूं
अब में पहुंचती हू बैंगलोर और यह किराए का कमरा इतना छोटा चलो कोई बात नही 

,अब थोड़ा साजना है कमरे को तो में जाती हु बाजार अब ज्यादा पैसे तो नही थे मेरे पास तो में जाती हु वो बाज़ार जहा इस्तेमाल समान मिलते है ( second hand) अब एक लड़की के लिए अपने घर में कुछ हो या न हो make up का समान होना चाहिए ये लेकर और थोड़ा घर का सामान ले कर घर निकलती हु और जाते जाते

 एक आईना देखा वो बहुत ज्यादा सुंदर था और एक दम अलग बोले तो झक्कास तो में जाती हू और पूछती हूं कितने का है मगर वो दुकान वाली देखी और कही बेचना नही है , 
क्यू,
नही बेचना अब निकलो यहां से ,

ऐश थोड़ी होता है ,मुझे ये आईना दे दो ,

मगर फिर भी ना, अब थोड़ी जिद्दी हूं और कुछ पैसे रख कर में वो आईना लेकर भागती हु,

वो कहती है शर्वनश ,शर्वनश ,

हा, हा, और में कहती हु श्रवण में उसको देख लूंगी

अब में और मेरा ये छोटा सा कमरा मगर में खुश हु इस जॉब के लिए अब में अपने बाल को कंघी करती हु और आईना में कुछ अलग दिखता है ,पर गौर से देखने पर कुछ नही दिखता ,और अगले दिन में काम करने जाती हु मेरा पहला दिन बहुत अच्छा था ,
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अब में उस आईना को देखती हूं जिससे मेने चोरी से लिया था मगर एक मिनट मेने पैसे रख दिए थे वहां।

अब आधी रात को कुछ आवाज सुनाई देती है और में जागती हु तो देखती हूं आईना मुझे कह रहा है

आईना: कैसा रहा तुम्हारा जॉब का पहला दिन

में सोच रही हु सपना है सोजा, सुबह उठना है ,

आईना: कैसा रहा तुम्हारा जॉब का पहला दिन

में देख के दर गई तुम बोल सकती हो

आईना: हा, चिंता मत करो में तुम्हे कुछ नही करूंगी , मैने देखा तुमने कैसे मुझे लिया और मुझे अच्छा लगा तुम्हारा बच्चो की तरह हरकत करना ,

शिवानी: अच्छा ये बताओ कोन हो तुम ?

आईना: में काजल हु ,में यही की रहने वाली हूं 10 साल की थी तो मेरी मौत हो गई थी और यह आइना मुझे पसंद था तो इसमें समा गई 

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शिवानी : माफ करना ,

आईना: मरने से पहले मेरा एक काम रह गाया था किया तुम मेरी मदद करोगी?

शिवानी: हां

आईना: तुम्हे कल जॉब के बाद जे. पी पार्क में जाना है और एक आदमी जो बेंच नंबर 44 बैठा हो उससे पूछना निधि कैसी है

शिवानी : ये निधि कोन है ,

आईना बस काम कर दो ।

शिवानी : अच्छा ठीक है ।

अब जॉब करने के बाद में गई 44 नंबर बेंच पे और मेने पूछा उस आदमी से निधि कैसी है उसने कहा कोन निधि , में नही जानता किसी निधि को ,यह बात मेने काजल को बताई और उसे ने कहा कोई बात नहीं ,

कल तुम फिर जाना मगर इस बार इंदिरा नगर जाना और इस बार यह नकली तलवार ले कर जाना और जब वो कही हो घर में , बाहर ,सड़क पड़ चल रहा हो तो एक बार बस तुम्हे इस तलवार को उसके गर्दन को मरना , मैने पूछा मगर क्यू ,

उसने कहा ये कुछ नही एक नाटक में काम करता था अब वो इधर उधर भटक रहा तो में सोच रही थी अगर वो फिर से नाटक शुरू कर दे तो उसकी लाइफ अच्छी हो जायेगी मगर वो कोन है और तुम उसकी मदद क्यू करना चाहती हो ,

 तुम्हे सब पता चल जाएगा और यह आखरी बार में उसकी बात मान रही थी क्यूंकि वो मुझे कुछ बताती नही थी ।

अब में इंदिरा नगर जाती हू और वोह मुझे देख कर भाग जाता है , अबे किया चल रहा है ये बार बार भाग जाता है , 

मगर में उससे एक सुनशान सड़क पे देखती हूं और वो जब भाग रहा होता है तो में उसके समाने नकली तलवार मरती हुं,और खून ,खून सर और शरीर के दो टुकड़े हो जाते नकली तलवार कब असली हो गई में समझ गई वो तलवार पहले से ही असली थी उसने मुझे झूठ बोला था 
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अब में रोते रोते गई और उस काजल ( आईना) से पूछा किया है ये और तुमने मार दिया उससे में जा रही हु यहां से ,

चली जाऊं मगर एक बार बात सुन लो उसी ने मारा मुझे और ऐश लोगो को जिन्ने का कोई अधिकार नही ।

में , मेरी मां और पापा हम तीनो खुश थे मगर इस इंसान नर्क बना दी हमारी जिंदगी इस इंसान ने मुझे किडनैप कर लिया था।
 
और पैसे मांग ने लगा मेरे मां ,पापा इतना पैसे नही दे सकते थे तो इसने बिना किसी देरी के मेरा गला काट के नाले में फेंक दिया और मेरे मां ,पापा को इसने जीना मुश्किल कर दिया क्योंकि उन्होंने मेरे लिए पैसे जोड़ने शुरू कर दिए थे मगर इसकी मांग कम नही हो रही थी मेरे मां ,पापा से ये वो पैसे लेकर भाग गया और मां,पापा पैसे के कर्जों में फस गए मगर

 अब उनकी दिक्कत खत्म हो गई मैने उनको मदद करी अब बस यह दुख है उनको में नही उनके पास और निधि मेरा नाम है काजल नही तुम्हारा शुक्रिया ,

में भी तुम्हारे जैसी ही थी नटखट इसीलिए मेने तुम्हे चुना

तुम्हारा धन्यवाद

शिवानी : मुझे माफ कर दो और उसके गला काट के मारा सही था ।
अब में काजल के साथ हु मतलब निधि वो मेरी छोटी बहन की तरह मेरी सहायता करती है

धन्यवाद , अब अगर इतना पढ़ा है

तो शेयर करने में हाथ नही रुकने चाहिए ।😀
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